Dedicated to Naincy..
यह हार तो नहीं प्रिये
बिगुल है उस चुनौती का |
समक्ष ही खड़ी है जो
उसे तुम यूँ स्वीकार लो |
भय तो तेरा स्वभाव नहीं
यह स्वभाव है बस हार का;
पराजय तब तक होती नहीं,
स्वीकार जब तक हो नहीं |
विजय को तेरी आस है
मिलेगी जब तक प्यास है,
प्यास को न बुझा इस आग में
बढ़ा ले अब इस ताप में |
जीवन है, विजयगीत नहीं
इस बात को भी गाठ लो |
फिर लक्ष्य क्या और जीत क्या ?
हार क्या वो बात क्या ?
हौसलों को ऊंचा रखना है,
आसमा को भी दिखाना है ;
इरादे हो तो बस और क्या
चुनौती भी सर झुकाती है,
जय का कोई विकल्प नहीं
यही तो हार हमे सिखाती है|
बिगुल है उस चुनौती का |
समक्ष ही खड़ी है जो
उसे तुम यूँ स्वीकार लो |
भय तो तेरा स्वभाव नहीं
यह स्वभाव है बस हार का;
पराजय तब तक होती नहीं,
स्वीकार जब तक हो नहीं |
विजय को तेरी आस है
मिलेगी जब तक प्यास है,
प्यास को न बुझा इस आग में
बढ़ा ले अब इस ताप में |
जीवन है, विजयगीत नहीं
इस बात को भी गाठ लो |
फिर लक्ष्य क्या और जीत क्या ?
हार क्या वो बात क्या ?
हौसलों को ऊंचा रखना है,
आसमा को भी दिखाना है ;
इरादे हो तो बस और क्या
चुनौती भी सर झुकाती है,
जय का कोई विकल्प नहीं
यही तो हार हमे सिखाती है|
- प्रिया सिंह
Comments
यही तो हार हमे सिखाती है |
I really don't have words to appreciate your thaughts.